नोटबंदी के बाद अब इस बड़े मामले पर कल सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
सुप्रीम कोर्ट इस बारे में अपना फैसला मंगलवार को सुना सकता है कि क्या किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति के बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर पाबंदी लगाई जा सकती है
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट इस बारे में अपना फैसला मंगलवार को सुना सकता है कि क्या किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति के बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर पाबंदी लगाई जा सकती है। न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस बारे में फैसला सुना सकती है। न्यायमूर्ति नजीर चार जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना, न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना शामिल हैं।
शीर्ष अदालत की मंगलवार की कार्यसूची के अनुसार मामले में दो अलग-अलग फैसले होंगे जो न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति नागरत्ना सुनाएंगे। शीर्ष अदालत ने 15 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उसने कहा था कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को आत्म-संयम बरतना चाहिए और ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जो अन्य देशवासियों के लिए अपमानजनक हों। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह व्यवहार हमारी संवैधानिक संस्कृति का हिस्सा है और इसके लिए सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों के लिहाज से आचार संहिता बनाना जरूरी नहीं है।