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गफलत में निगम अधिकारी संपत्तिकर नामांकन का ठहराव चेक कराया

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ग्वालियर। संपत्तिकर नामांकन के प्रकरणों में विज्ञप्ति प्रकाशन को लेकर अब फिर असमंजस की स्थिति बन गई है। निगम अधिकारी चाहते थे कि विज्ञप्ति का प्रकाशन समाचार पत्रों के बजाय नगर निगम की वेबसाइट पर 500 रुपए का शुल्क लेकर किया जाए, लेकिन सभापति ने इसमें समाचार पत्रों को भी शामिल करने का आदेश दिया था। बाद में निगमायुक्त ने आदेश निकालकर वेबसाइट पर प्रकाशन का ही उल्लेख किया। मामले का खुलासा होने पर अब ठहराव को चेक कराकर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

नगर निगम के अधिकारियों ने संपत्तिकर नामांकन प्रकरणों के मामले में परिषद द्वारा पास किए गए ठहराव को बदलते हुए सिर्फ वेबसाइट पर विज्ञप्ति प्रकाशन का आदेश गत मंगलवार को जारी किया था। इसकी प्रतिलिपि भी सभापति को नहीं भेजी गई। नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने एमआइसी के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि समाचार पत्रों के बजाय नामांकन प्रकरणों की विज्ञप्ति निगम की वेबसाइट पर सात दिन के लिए प्रकाशित की जाए और इसके बदले में दो हजार रुपए के बदले सिर्फ 500 रुपए का शुल्क लिया जाए। एमआइसी ने इसे पास भी कर दिया था, लेकिन परिषद की बैठक में सभापति मनोज तोमर ने निगम की वेबसाइट और समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशन शुल्क को 500 रुपए करने का आदेश जारी किया था। निगम में धारा 167 के आशयों की पूर्ति के लिए नामांकन प्रकरणों की विज्ञप्ति 15 दिनों के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित करने का पूर्व में प्रविधान था। उच्च न्यायालय द्वारा भी एक याचिका की सुनवाई के बाद दिए गए निर्देशों के बाद 15 दिवसीय व्यक्तिगत विज्ञप्ति प्रकाशन का आदेश 15 मार्च 2021 को जारी किया गया था। निगमायुक्त द्वारा गत मंगलवार को जारी आदेश में जब सिर्फ वेबसाइट पर प्रकाशन का हवाला दिया गया, तो लोगों ने आपत्ति जताई। निगम अधिकारियों की मंशा है कि सिर्फ वेबसाइट पर ही विज्ञप्ति का प्रकाशन हो। ऐसे में अभी भी इस आदेश पर असमंजस बना हुआ है।

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