उज्जैन। इस बार गणतंत्र दिवस के दिन वसंत पंचमी मनाई जाएगी। ऋतुराज वसंत के आगमन का पर्व सबसे पहले ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मनाया जाएगा। महाकाल के आंगन में तड़के चार बजे भस्म आरती में वसंत उत्सव मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में सरस्वती पूजन के साथ बच्चों का विद्या आरंभ संस्कार कराया जाएगा। महाकाल मंदिर के पं. महेश पुजारी ने बताया मंदिर कि परंपरा अनुसार वसंत पंचमी पर भगवान को केसर मिश्रित जल से स्नान कराया जाएगा और सरसों के पीले फूल के रूप में वसंत अर्पित कर केसरिया रंग के पकवानों का भोग लगाया जाएगा।
भगवान को गर्म वस्त्र पहनाना करेंगे बंद
इसी प्रकार सांदीपनि आश्रम में वासंती वेला में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना होगी। पुजारी पं. रूपम व्यास ने बताया कि वसंत पंचमी से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से भगवान को गर्म वस्त्र धारण कराना बंद कर दिया जाता है। सुबह भगवान का अभिषेक-पूजन होगा। इसके बाद उन्हें जरी के पीले वस्त्र धारण कराए जाएंगे। वसंत के पीले फूलों से शृंगार कर केसरिया भात का भोग लगाया जाएगा।
श्रीकृष्ण की पाठशाला में विद्या आरंभ संस्कार
भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला में वसंत पंचमी पर विद्या आरंभ संस्कार कराने की मान्यता है। सरस्वती पूजन के उपरांत पहली बार पाठशाला जाने वाले बच्चों को पाटी पूजन कराकर विद्या आरंभ संस्कार कराया जाएगा। इस दिन देशभर से भक्त अपने बच्चों को पाटी पूजन कराने आश्रम आते हैं।
नील सरस्वती का स्याही से अभिषेक होगा
वसंत पंचमी माता सरस्वती के प्राकट्य का दिन है। इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती के पूजन का विधान है। सिंहपुरी स्थित अत्यंत प्राचीन माता सरस्वती के मंदिर में भक्त देवी सरस्वती का स्याही से अभिषेक करने आते हैं। मान्यता है कि नील सरस्वती का स्याही से अभिषेक करने से विद्यार्थी अच्छे नंबरों से पास होते हैं।